मानसून (Monsoon in Hindi ) – प्रिय दोस्तों/पाठकों नमस्कार ! आज के इस लेख में आपका हार्दिक स्वागत है आज हम मानसून के बारे में जानेगे । आपने अपने जीवन में मानसून शब्द तो जरुर सुना ही होगा । आपने प्रत्येक वर्ष मई और जून की तपती जलती गर्मी के बाद होने वाली बारिश का आनंद तो जरुर लिया ही होगा । प्रत्येक जीव जंतुओं को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। आमतोर पर मानसून मौसमी हवाओं को कहा जाता है। तो चलिए यह पोस्ट शुरू करते है और मानसून के बारे में विस्तार से जानते है mansun kise kahate hain
मानसून किसे कहते हैं?
mansun kise kahate hain – मानसून वह जलवायुकीय प्रक्रिया है, जिसमें वायुमंडलीय तटीय क्षेत्रों में बादल बनते हैं, जो वर्षा के रूप में नीचे आने के बाद वर्षा होने का कारण बनते हैं। मानसून मौसमी हवाओं को कहा जाता है जो किसी क्षेत्र में किसी विशेष ऋतु में ही अधिकांश वर्षा होने का कारण बनती हैं। गर्मी के मौसम में उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध के बीच जलवायु में तापमान का विभिन्नता होती है और वायुमंडलीय तटीय क्षेत्रों में बादल बनते हैं। भारत में मूलतः मानसून हवाएँ हिंद महासागर और अरब सागर से उठती हैं। एक तरह से मानसून एक मौसमी पवन परिवर्तन होता है।
मानसून क्या हैं?
मानसून (Monsoon) – हिंद महासागर और अरब सागर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आने वाली तेज हवाओं को मानसून कहते हैं। भारत में मानसून हवाएँ हिंद महासागर और अरब सागर से उठती हैं जो जून महीने से आरम्भ होकर सितंबर महीने तक समाप्त होने की कगार पर आ जाती है, भारत में मानसून लगभग चार महीने तक सक्रिय रहती हैं। ये तेज हवाएँ अपने साथ भारी वर्षा लाती हैं, जो भारत की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी हैं।
मानसून के प्रकार
भारत में मानसून कितने प्रकार के होते हैं- मुख्यतः भारत में मानसून दो प्रकार के होते हैं, दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्व मानसून । भारतीय मानसून को दो मुख्य शाखाओं में बांटा जाता है –
- दक्षिण-पश्चिम मानसून
- उत्तर-पूर्व मानसून
1. दक्षिण-पश्चिम मानसून: यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण मानसून है, क्योंकि यह भारत के अधिकांश हिस्सों में वर्षा लाता है। भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून जून से सितंबर तक अर्थात चार महीने तक सक्रिय रहता है। यह हिंद महासागर से आता है और अपने साथ भारत के अधिकांश हिस्सों में वर्षा लाता है। इस मानसून से होने वाली वर्षा भारत की कुल वर्षा का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा होती है।
2. उत्तर-पूर्व मानसून: यह मानसून अक्टूबर से दिसंबर तक सक्रिय रहता है और बंगाल की खाड़ी से आता है। यह मुख्य रूप से पूर्वोत्तर भारत में वर्षा लाता है। इस मानसून से होने वाली वर्षा भारत की कुल वर्षा का लगभग 20% होती है।
मानसून का महत्व
भारतीय कृषि में मानसून का महत्व अत्यधिक है। यह जलवायु प्रणाली उत्तर और दक्षिणी भूमि के बीच तापमान में विशेष विभिन्नता उत्पन्न करती है। मानसून के आगमन से ही वर्षा की अधिकता होती है, जो खेती, जलवायु और जीवन के लिए आवश्यक है। यह फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देता है, मानसून सभी प्रकार के जल संसाधनों को पुनर्चक्रण करता है, और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन लाता है।
इसके अलावा, मानसून जलवायुकीय प्रक्रियाओं को स्थायी रूप से प्रभावित करता है और जैवविविधता को बनाए रखने में सहायता प्रदान करता है। मानसून कृषि, जल संसाधनों और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। मानसून की वर्षा से फसलों की सिंचाई होती है, जिससे खाद्य उत्पादन में वृद्धि होती है।
मानसून के प्रभाव
मानसून के प्रभाव हमारे लिए अच्छे होते है लेकिन कभी कभी तेज एवं जल्दी मानसून आने की वजह से कृषि पर भारी असर पड़ता हैं। मानसून का प्रभाव मुख्य रूप से वर्षा, तापमान, और जलवायु की स्थिति पर असर डालता है। मानसून के आगमन से जलवायु में तापमान में गिरावट होती है और वर्षा की मात्रा तेजी से बढ़ जाती है। इससे वर्षा में अधिकता होती है जिससे सभी प्रकार के जल संसाधन में सुधार होता है और खेती को लाभ पहुंचता है। वर्षा से पूरे पर्यावरण में संतुलन लाता है।
इसके अलावा, मानसून वायुमंडल की प्रवाहन प्रणाली को भी प्रभावित करता है जिससे तापमान में तेजी से बदलाव होता है। इन सभी प्रभावों से सभी प्रकार के जीवों के जीवन पर सीधा और अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ता है। मानसून की वर्षा से बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी हमें सामना करना पड़ता हैं। मानसून हवाओं के साथ भारी वर्षा लाती हैं, जो भारत की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं।
FAQ’s
1. मानसून कितने प्रकार के होते है ?
मुख्यतः भारत में मानसून दो प्रकार के होते हैं, दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्व मानसून ।
2. मानसून किसे कहते है ?
मानसून उन मौसमी हवाओं को कहा जाता है, जो किसी क्षेत्र में किसी विशेष ऋतु में ही अधिकांश वर्षा लाती हैं।
3. भारत में मानसून कब आता है?
भारत में मानसून जून महीने से आरम्भ होकर सितंबर महीने तक समाप्त होने की कगार पर आ जाती है।
4. मानसून का जनक कौन है?
मानसून की उत्पत्ति की तापीय संकल्पना का सर्वप्रथम प्रतिपादन हैले ने 1686 ई. में किया था।
आज आपने सीखा –