poshan kise kahate hain | पोषण की परिभाषा

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पोषण (Nutrition in Hindi ) – प्रिय दोस्तों नमस्कार ! आज के इस लेख में आपका हार्दिक स्वागत है आज हम पोषण के बारे में जानेगे । आपने अपने जीवन में पोषण शब्द तो सुना ही होगा । प्रत्येक जीव को जीवित रहने के लिए पोषण आवश्यक है आप आज इस पोस्ट में पोषण क्या है, पोषण की परिभाषा, पोषण का अर्थ और पोषण के प्रकार के बारे में पढेंगे । एग्जाम की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण टॉपिक है इसलिए पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े। तो चलिए यह पोस्ट शुरू करते है और जलमंडल के बारे में विस्तार से जानते है poshan kise kahate hain

पोषण किसे कहते हैं?

poshan kise kahate hain – पोषण का शाब्दिक सरल अर्थ है – पालना । भोजन का अंतःग्रहण और उसका पाचन और उसके उपयोग द्वारा शरीर निर्माण, जैविक क्रियाओं का कुशल निष्पादन एवं विकास को सम्मिलित रूप से पूर्ण होने को ही पोषण कहते हैं । जीवो को पोषण करने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है।

दूसरे शब्दों में कहा जाये तो भोजन का खाना और उस भोजन को पचा कर भोजन से प्राप्त उर्जा और पोषक तत्वों का प्रयोग कर स्वयं के शरीर की वृद्धि करना पोषण कहलाता है। प्रत्येक जीवों में पोषण अलग अलग होता है। पोषण के मुख्य घटक शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों, ऊर्जा, विटामिन, और खनिजों से पूर्ण करने में मदद करते हैं। पोषण के मुख्य घटक निम्न हैं –

  1. प्रोटीन
  2. कार्बोहाइड्रेट्स
  3. विटामिन और खनिज
  4. फैट्स (चर्बी)
  5. ऊर्जा
  6. पाचन
  7. अवशोषण
  8. परिवहन

पोषण की परिभाषा

Nutrition definition in Hindi – जिस विधि या प्रक्रिया के द्वारा जब कोई  जीव अपनी ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति के लिए बाहरी वातावरण से भोजन के रूप में पदार्थ का अंतःग्रहण करता हैं अर्थात भोजन ग्रहण करता है, उस पूरी प्रक्रिया को ही पोषण कहा जाता हैं ।

पोषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक जीव को उसकी आवश्यकताओं के अनुसार उपयोगी पदार्थों और ऊर्जा की आपूर्ति प्रदान की जाती है। इस प्रक्रिया में खाद्य पदार्थों और पानी को शरीर के अंदर अवश्यकतानुसार उपयोग किया जाता है। पोषण एक व्यापक शब्द है, जो स्वस्थ जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ शरीर के लिए सही मात्रा में पोषण आवश्यक होता है।

पोषण के प्रकार

सामान्यतः पोषण दो प्रकार के होते है –

  • स्वपोषी पोषण
  • विषमपोशी पोषण

स्वपोषी पोषण किसे कहते हैं ?

पोषण की एसी प्रक्रिया जिसमें कोई जीव अपना भोजन स्वयं बनाता हैं, स्वपोषी पोषण कहलाता हैं। स्वपोषी का शाब्दिक अर्थ होता है – अपने भोजन के लिए खुद पर निर्भर रहना। पौधें और कुछ जीवाणु अपना भोजन स्वपोषी पोषण के द्वारा ही बनाते हैं।

विषमपोशी पोषण किसे कहते है ?

पोषण की वह प्रक्रिया जिसमें कोई जीव अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते हैं, अर्थात अन्य दूसरे जीवों से प्राप्त करते हैं या दूसरे जीवों पर निर्भर रहते है, विषमपोषी पोषण कहलाता हैं। विषमपोषी का मतलब होता है – अपने भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर रहना। मनुष्य तथा अन्य जन्तु अपना भोजन विषमपोषी पोषण के द्वारा ही तैयार करते हैं।

पोषण का महत्व

poshan ka mahatva – पोषण जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारे शरीर को विकसित करने, ऊर्जा प्रदान करने, रोगों से बचाने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को प्रदान करता है। पोषण का महत्व व्यक्ति के समृद्धि और स्वस्थ जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह शरीर को आवश्यक ऊर्जा, पोषक तत्व, विटामिन, और खनिजों से पूर्ण करके सुरक्षित रखने में मदद करता है। पोषण के महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं में आसानी से समझा जा सकता है-

1. शारीरिक विकास और वृद्धि:

पोषण हमारे शरीर के उचित विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक है। यह हमारे ऊतकों, हड्डियों, मांसपेशियों और मस्तिष्क के विकास और मरम्मत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सही पोषण से शारीरिक विकास में सुधार होता है। यह बच्चों के लिए उच्च ऊंचाई, सही वजन, और मजबूत अंगों की सुनिश्चित करता है।

2. ऊर्जा प्रदान करना:

पोषण हमें ऊर्जा प्रदान करता है जो हमारे दैनिक कार्यों को करने के लिए आवश्यक है। यह हमें शारीरिक गतिविधियों को करने, सोचने और सीखने में सक्षम बनाता है। सही पोषण से शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलती है जिससे दिनभर की गतिविधियों को सही तरीके से किया जा सके।

3. रोगों से बचाना सुरक्षा करना :

पोषण हमें रोगों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमारी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और हमें संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। सही पोषण शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। अच्छे पोषण से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से बच सकता है।

4. मानसिक स्वास्थ्य:

सही पोषण से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। यह हमारे मूड, एकाग्रता और स्मृति को बेहतर बनाने में मदद करता है। उचित मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है और मानसिक स्थिति को सुधारता है।

5. अच्छी आदतें बनाए रखना:

सही पोषण आदतें बनाए रखने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी एक स्वस्थ और उत्साही जीवन जी सकता है।

6. स्वस्थ जीवन:

पोषण हमें स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है। यह हमें ऊर्जावान, सक्रिय और खुश रहने में मदद करता है। इसलिए, सही पोषण अपनाना हमारे स्वास्थ्य और भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

FAQ’s

1. पोषण किसे कहते है ?

भोजन का अंतःग्रहण और उसका पाचन और उसके उपयोग द्वारा शरीर निर्माण, जैविक क्रियाओं का कुशल निष्पादन एवं विकास को सम्मिलित रूप से पूर्ण होने को ही पोषण कहते हैं ।

2. पोषण कितने प्रकार के होते है ?

सामान्यतः पोषण दो प्रकार के होते है – 1. स्वपोषी पोषण 2. विषमपोषी पोषण

आज आपने सीखा –

पोषण एक जटिल जैविक प्रक्रिया है जिसमें जीवों द्वारा भोजन प्राप्त करने, उसे पचाने, और उससे आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्रिया शामिल होती है। यह शरीर के विकास, वृद्धि, ऊतकों की मरम्मत, और रोगों से बचाव के लिए आवश्यक है। इस प्रक्रिया के माध्यम से शरीर को आवश्यक ऊर्जा, पोषक तत्व, विटामिन, और खनिजों की आपूर्ति होती है जो उसके स्वस्थ फ़ंक्शन और विकास के लिए आवश्यक हैं। 

आशा करता हूँ की यह जानकरी आपको अच्छी लगी होगी और अब आप जान गए होंगे की पोषण किसे कहते है और पोषण की परिभाषा तथा पोषण कितने प्रकार के होते है, हमारे दैनिक जीवन में पोषण का क्या महत्व है इन सबके बारे में जान गए होंगे । poshan kise kahate hain अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कोई भी समस्या हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताये हम आपकी मदद जरुर करेंगे ।

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3 thoughts on “poshan kise kahate hain | पोषण की परिभाषा”

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