भारत में निर्धनता के कारण | 10 Reasons of Poverty in Hindi

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प्रिय पाठकों नमस्कार ! आज के इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में निर्धनता के कारण क्या-क्या है। भारत में सुंदर प्राया कहा जाता है कि भारत एक धनी देश है किंतु इसकी निवासी निर्धन है यह कथन एक विरोध आभासी है। तो चलिए अब यह पोस्ट शुरू करते हैं और विस्तार से समझते हैं कि आखिर भारत में निर्धनता के कारण क्या है – Bharat mein nirdhanta ke karan 

भारत में निर्धनता के कारण

Bharat mein nirdhanta ke karan – भारत में गरीबी के लिए उत्तरदाई प्रमुख कारण निम्न है –

  • कृषि में अनिश्चितता
  • निम्न उत्पादकता
  • मुद्रा परिसर और मूल्य वृद्धि
  • प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग
  • तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या
  • सामाजिक कारण
  • बेरोजगारी
  • दोषपूर्ण विकास रणनीति
  • किसी व्यक्ति निम्न आय

1. दोषपूर्ण विकास रणनीति: भारत में विकास के साथ गरीबी का विरोधाभास देखने में आता है, क्योंकि अर्थव्यवस्था के विकास का लाभ कुछ व्यक्तियों तक ही सीमित हो गया है। परिणामस्वरूप गरीब और गरीब हो रहा है और अमीर और अधिक अमीर हो रहे हैं। शिक्षित व सुविधा सम्पन्न व्यक्तियों के पास आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध है जबकि धनाभाव के कारण गरीब व्यक्ति उच्च व तकनीकी शिक्षा भी प्राप्त नहीं कर पाते हैं। शासन द्वारा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं लेकिन रोजगार के अवसरों में बहुत ही धीमी वृद्धि हुई है।

2. बेरोजगारी : भारत में व्यापक बेरोजगारी है। एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 5 करोड़ लोग बेरोजगार हैं। बेरोजगारों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है जो गरीबी के लिए उत्तरदायी कारक है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी और अल्प रोजगार के साथ ही अदृश्य बेरोजगारी भी विद्यमान है। बेरोजगारों की बढ़ती संख्या प्रति व्यक्ति उत्पादकता एवं आय के स्तर को कम करती है।

3. प्रति व्यक्ति निम्न आय – भारत में प्रति व्यक्ति आय कम होने से यहाँ गरीबी व्याप्त है। विश्व के विकसित राष्ट्रों की तुलना में भारत में प्रतिव्यक्ति आय का स्तर बहुत कम है। विश्व बैंक की वर्ष 2004 की रिपोर्ट के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति आय मात्र 480 डालर (लगभग 24,000/-) है। प्रति व्यक्ति आय का निम्र स्तर गरीबी का एक मुख्य कारण है।

4. तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या – भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में भारत का दूसरा स्थान है। भारत की जनसंख्या में लगभग 1.81 करोड़ व्यक्ति प्रतिवर्ष जुड़ जाते हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 1991-2001 दशक के दौरान 1.93 प्रतिशत रही है। इससे प्रति व्यक्ति आय और उपभोग कम हो जाता है, जीवन स्तर में कमी आती है और गरीबी को बढ़ावा है।

5. प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग – भारत में खनिज, वन सम्पदा, व जनशक्ति आदि साधन पर्याप्त मात्रा में हैं। लेकिन इनका अभी तक उपयुक्त ढंग से उपयोग नहीं हो सका है। प्राकृतिक संसाधनों का अल्प विदोहन भी गरीबी का एक कारण है।

6. मुद्रा प्रसार और मूल्य वृद्धि : भारत में बढ़ते विकास कार्यों को पूरा करने के लिये भारी मात्रा में धन व्यय किया जाता है। इससे अर्थव्यवस्था में स्फीतिकारी दबाव पैदा होते हैं और कीमतों में वृद्धि हो जाती है। परिणामस्वरूप गरीबी की समस्या और भी गंभीर हो जाती है।

7. तकनीकी ज्ञान का निम्न स्तर – भारत में शिक्षा, तकनीकी एवं अनुसंधान आदि सुविधाओं का अभाव है। भारत की लगभग 36 प्रतिशत जनसंख्या निरक्षर है। तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण की सुविधाओं के अभाव के कारण उत्पादकता में कमी आती है।

8. निम्न उत्पादकता : भारत में उत्पादकता का स्तर निम्न है, जिससे संसाधनों से उचित प्रतिफल प्राप्त हो नहीं पाते हैं तथा नागरिक गरीब रह जाते हैं। विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में निम्न उत्पादकता ग्रामीण गरीबी का एक मुख्य कारण है।

9. कृषि में अनिश्चितता : भारत वर्ष में अर्थव्यवस्था मूलतः कृषि पर आधारित है। कृषि में मानसून की अनिश्चितता रहती है जिससे उत्पादन में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। प्राकृतिक आपदाओं के कारण कृषि उत्पादन विपरीत रूप से प्रभावित होता रहता है जो कि गरीबी का कारण बनता है।

10. परिवहन एवं संचार साधनों का अभाव : भारत में परिवहन एवं संचार साधनों का पूर्ण विकास न हो पाने के कारण कृषि, उद्योग व सेवा क्षेत्र का तीव्र विकास नहीं हो पा रहा है।

11. सामाजिक कारण : भारत में प्रचलित सामाजिक एवं सांस्कृतिक परम्पराओं के कारण लोग अपनी आय का एक बड़ा भाग विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों पर व्यय कर देते हैं, जिससे एक ओर बचत में कमी आती है व दूसरी ओर ऋणग्रस्तता बढ़ती है। इसके अलावा अज्ञानता, भाग्यवादिता, रूढ़िवादिता भी भारत में गरीबी में वृद्धि के कारण हैं।

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यहाँ यह प्रश्न विचारणीय है कि पर्याप्त प्राकृतिक सम्पदा सम्पन्न राष्ट्र होते हुए भी भारत एक निर्धन राष्ट्र है और भारतवासी गरीबी एवं बेरोजगारी का जीवन-यापन कर रहे हैं। भारत में सम्पन्नता के साधन तो हैं किन्तु सम्पन्नता के इन साधनों का उचित उपयोग न होने के कारण भारतीय निवासी निर्धनता में जीवन-यापन कर रहे हैं।

निष्कर्ष –

आशा करता हूं कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और अब आप जान गए होंगे कि भारत में निर्धनता के कारण क्या-क्या है। Bharat mein nirdhanta ke karan आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कोई समस्या हो या कोई शब्द समझ में नहीं आया हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताएं हम आपकी मदद जरूर करेंगे। एसी ही एजुकेशन से भरी जानकारी जानने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें। धन्यवाद

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