प्रिय पाठकों नमस्कार ! आज के इस लेख में हम जानेंगे की सरकारी कंपनी क्या हैं और सरकारी कंपनी की विशेषता एवं सरकारी कंपनी के गुण एवं दोष क्या क्या होते हैं। हम जानते हैं कि, सार्वजनिक क्षेत्र के व्यावसायिक संगठनों में सरकारी कम्पनी का भी महत्वपूर्ण स्थान है। तो चलिए अब यह पोस्ट शुरू करते हैं और विस्तार से समझते हैं कि सरकारी कंपनी क्या है और इसका अर्थ एवं विशेषता क्या क्या होती हैं तथा व्यावसायिक संगठनों में सरकारी कंपनी का क्या महत्व है।
सरकारी कंपनी क्या हैं?
सार्वजनिक क्षेत्र के व्यावसायिक संगठनों में सरकारी कम्पनी का भी महत्वपूर्ण स्थान है। इस प्रकार की संयुक्त पूँजी वाली कम्पनी जिसका स्वामित्व एवं नियन्त्रण सरकार के अधीन हो, सरकारी कम्पनी कहलाती है।
आशय – इसे सरल शब्दों में समझे तो सरकारी कम्पनी, वह लोक उपक्रम है, जिसकी स्थापना सम्बन्धित राष्ट्र के सामान्य कम्पनी अधिनियम के अधीन की जाती है तथा जिसमें सरकार सभी अंशों के स्वामित्व के माध्यम से नियन्त्रण स्थापित करती है।
सरकारी कम्पनी की विशेषताएँ-
- समामेलन
- अस्तित्व
- वित्त व्यवस्था
- कर्मचारी
- संचालक मण्डल
- सिद्धांत
1. समामेलन – सरकारी कम्पनी का समामेलन कम्पनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अधीन होता है ।
2. अस्तित्व – कम्पनी की ही तरह इसके सदस्यों का अस्तित्व कम्पनी से पृथक माना जाता है ।
3. वित्त व्यवस्था – सरकारी कम्पनी की वित्त व्यवस्था पूर्णतः स्वतन्त्र होती है। इनके लेखों या बजट को संसद में पेश नहीं किया जाता है ।
4. कर्मचारी- इन कम्पनीयों के कर्मचारी सरकारी कर्मचारी की तरह नहीं होते हैं ।
5. संचालक मण्डल – कम्पनी के संचालक मण्डल का गठन सरकार द्वारा किया जाता है ।
6. सिद्धान्त- सरकारी कम्पनी वाणिज्यिक सिद्धान्तों के आधार पर संचालित होती है।
सरकारी कम्पनी के गुण
- निर्माण
- अधिनियम
- अधिक स्वतंत्रता
- पर्याप्त लोच
- व्यावसायिक नीतियों
- सख्त नियंत्रण
1. निर्माण- सरकारी कम्पनी का निर्माण करना आसान होता है ।
2. अधिनियम – इसके निर्माण के लिए किसी विशेष अधिनियम की आवश्यकता नहीं रहती है ।
3. अधिक स्वतंत्रता- सरकारी कम्पनी अपना संचालन एवं प्रबंध अधिक स्वतंत्रता के साथ करती है ।
4. पर्याप्त लोच- सरकारी कम्पनी स्वरूप में पर्याप्त लोच पाया जाता है। यह अपनी पूँजी एवं प्रबन्धकीय नीतियों में सरलतापूर्वक परिवर्तन कर सकती है।
5. व्यावसायिक नीतियों- सरकारी कम्पनी व्यावसायिक नीतियों को अपनाकर उनके अनुरूप अपना संचालन कर सकती है।
6. कठोर नियन्त्रण- सरकारी कम्पनी में अनुचित हस्तक्षेप एवं कठोर नियंत्रण नहीं पाया जाता है। इसलिए इस प्रबंध अधिक कुशलता से किया जाता है।
सरकारी कम्पनी के दोष
- अनुभवहीनता
- कुशलता और क्षमता का अभाव
- उत्तरदायित्व
- जनता का कम विश्वास
- लाभ कमाने की क्षमता पर प्रभाव
- प्रावधान
1. अनुभवहीनता – सरकारी कम्पनी के प्रबन्धकों में अनुभवहीनता पायी जाती है। कम्पनी के विकास के प्रति उनमें रूचि का अभाव रहता है।
2. कुशलता और क्षमता का अभाव- कम्पनी के कर्मचारी लापरवाह होते है । वे कुशलता और क्षमता से कार्य नहीं करते हैं ।
3. उत्तरदायित्व सरकारी कम्पनी संसद के प्रति – उत्तरदायी नहीं होती है अत: जनता के प्रति इनका उत्तरदायित्व सामान्य से कम रहता है ।
4. जनता का कम विश्वास- इन कम्पनियों में जनता का विश्वास कम रहता है ।
5. लाभ कमाने की क्षमता पर प्रभाव – परोक्ष रूप से इनके संचालन सरकारी हस्तक्षेप पाया जाता है, जिनसे इनकी लाभ कमाने की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है ।
6. प्रावधान – सरकारी कम्पनियों पर कम्पनी अधिनियम के प्रावधान उतने प्रभावकारी नहीं रहते हैं।
FAQ’s
1. Sarakari Company Kya Hai
सार्वजनिक क्षेत्र के व्यावसायिक संगठनों में सरकारी कम्पनी का भी महत्वपूर्ण स्थान है। इस प्रकार की संयुक्त पूँजी वाली कम्पनी जिसका स्वामित्व एवं नियन्त्रण सरकार के अधीन हो, सरकारी कम्पनी कहलाती है।
2. सरकारी कंपनी के उदाहरण क्या हैं?
सरकारी कंपनी के उदाहरण इस प्रकार हैं - हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड, हिंदुस्तान शिपयार्ड, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल)।
निष्कर्ष –
आशा करता हूं कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और अब आप जान गए होंगे कि सरकारी कंपनी क्या हैं और सरकारी कंपनी की विशेषताएं एवं गुण तथा दोष क्या क्या हैं। अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कोई समस्या हो या कोई शब्द समझ में नहीं आया हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताएं हम आपकी मदद जरूर करेंगे। एसी ही एजुकेशन से भरी जानकारी जानने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें। धन्यवाद