adhishoshan kise kahate hain | अधिशोषण के प्रकार एवं इसके अनुप्रयोग

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Adhishoshan – कई रासानिक अभिक्रियाएँ ठोस सतह पर होती हैं जैसे धातुओं का संक्षारण और चारकोल की सतह पर गैसों का संचय होना यह जानने के लिए इनमें ठोस की सतह पर उपस्थित परमाणुओं की कार्य-विधि को जानना होगा, ठोस की बाह्य सतह पर उपस्थित परमाणु अपने पास में उपस्थित परमाणुओं से आर्कषित नहीं होते जैसा कि ठोस की सतह के अर्न्तगत उपस्थित परमाणु आपस में व्यवहार करते है, पृष्ठ पर परमाणुओं का विशिष्ट व्यवहार, उनकी मुक्त संयोजकताओं की उपस्थिति से होता है। तो चलिए पोस्ट शुरू करते और समझते है, की अधिशोषण क्या है और यह कितने प्रकार के होते है ।

अधिशोषण किसे कहते हैं ?

adhishoshan kise kahate hain – किसी ठोस या द्रव की सतह पर पर किसी पदार्थ के अणुओं को आकर्षित कर जुडने की प्रक्रिया अधिशोषण कहलाती है जिसके फलस्वरूप सतह पर अणुओ का सान्द्रण अधिक हो जाता है । ठोस की बाह्य सतह, जब किसी गैस या द्रव के सम्पर्क में आती है तो यह सतह पर जमा अथवा संचित हो जाते है, जो कि सतह को न तो घोलते है न उससे कोई अभिक्रिया करते है।

इस प्रकार गैस या द्रव, उस ठोस की सतह पर ही सीमित रह जाते है न कि ठोस के अन्दर प्रविष्ठ हो पाते हैं, इस विधि को अधिशोषण कहते है, यह दो प्रावस्थाओं के अन्तरापृष्ठीय, संगम होने को कहते हैं। उदाहरणार्थ, सिलिका जैल द्वारा जल वाष्प का अधिशोषण अमोनिया गैस या अन्य गैस का नारियल चारकोल द्वारा अधिशोषण का होना है।

अधिशोषण के प्रकार (Type of adsorption )

साधारणतया अधिशोषण दो प्रकार के होते हैं –

  1. भौतिक अधिशोषण
  2. रासायनिक अधिशोषण

भौतिक अधिशोषण 

इस प्रकार के अधिशोषण में अधिशोषक की सतह पर अधिशोषित होने वाले पदार्थ के अणु दुर्बल आकर्षण बल से बंधे रहते है। इन दुर्बल बलों को वाण्डर वाल बल कहते है। भौतिक अधिशोषण अस्थायी प्रकृति का होता है । तथा ताप को बढ़ाकर या गैस के दाब को कम करके अधिशोषण की मात्रा कम की जा सकती है। जैसे कि चारकोल की सतह गैसों का अधिशोषण ।

रासायनिक अधिशोषण 

इसमे प्रबल रासायनिक बंध होता है। भौतिक अधिशोषण की तुलना में रासायनिक अधिशोषण अधिक स्थायित्व वाला होता है। जैसे हाइड्रोजन गौस का Ni, Pt या पैलेडियम जैसे धातुओं द्वारा अधिशोषण ।

अधिशोषण के अनुप्रयोग (Application of Adsorption) –

विलयनों के अधिशोषण व गैसीय अधिशोषण की व्यवसायिक उपयोगिताएँ निम्नलिखित है –

  1. सक्रिय चारकोल
  2. फुलर – मिट्टी
  3. एल्यूमिना और सिलिका जैल
  4. उत्प्रेरकों की सतह सक्रियता
  5. संक्षारण से धातुओं को बचाना

सक्रिय चारकोल

इसका उपयोग चीनी उपयोग में चीनी के घोल से रंग को हटाकर, सफेद चीनी के बनाने में होता है।तथा इसका उपयोग अवांछित गंध का हटाने व गैस मास्क में भी होता है।

फुलर – मिट्टी (Fuller’s earth) 

इसका उपयोग पेट्रोलियम व वनस्पति तेल के शुद्धिकरण में होता है जियोलाइट का उपयोग पानी की कठोरता को दूर करने में होता है आजकल सांश्लेषिक राल, जो जियोलाइट की तरह होते है, उनका उपयोग जल के डी-आयनीकरण में किया जाता है।

एल्यूमिना और सिलिका जैल (Activated alumina and silica gel) 

इनका उपयोग वायु दूषित औद्योगिक गैसों के शुद्धिकरण में व वायु से नमी को दूर करने में होता है, गैस मास्क में व पेट्रोलियम के शुद्धिकरण में भी इनका उपयोग होता है।

उत्प्रेरकों की सतह सक्रियता (Surface action in catalyst)

सतह पर उत्प्रेरक के कार्य रासायनिक अधिशोषण द्वारा पूर्ण होते हैं, हैबर विधि से अमोनिया के निर्माण में ठोस फेरिक आक्साइड, उत्प्रेरक का कार्य करता है। सल्फ्यूरिक अम्ल को स्पर्श विधि द्वारा बनाने मे प्लेटिनम धातु उत्प्रेरक का कार्य करता है।

संक्षारण से धातुओं का बचाना

सतह पर संक्षारण को रोकने के लिए उचित प्रकार का पेन्ट लगाते है। अन्तरापृष्ठीय अधिशोषण से सम्बन्धित, पायसीकरण – धातु की प्रभाव, भीगना, फैलना, भेदन, खनिज तैरना विधि, शुद्धिकरण, अपमार्जक की कार्यविधि आदि में इनकी औद्योगिक प्रक्रियाओं में उपयोगिता है।

अधिशोषण के अन्य प्रमुख अनुप्रयोग निम्न है –

  • उत्कृष्ट गैसों के पृथक्कीकरण में आंशिक अधिशोषण विधि का उपयोग होता है।
  • वाष्प प्रावस्था पृथकीय क्रोमेटोग्राफी द्वारा पदार्थो के विलयन के प्रत्येक अवयव को पृथक करने में होता है।
  • दवाइयों में कोलॉइडी विलयन तथा द्रवित जैल का प्राणियों में अधिशोषण आसानी से होता है।

FAQ’s

1. अधिशोषण कितने प्रकार के होते हैं?

साधारणतया अधिशोषण दो प्रकार के होते हैं - भौतिक अधिशोषण और रासायनिक अधिशोषण ।

2. रासायनिक अधिशोषण किसे कहते है ?

इसमें अधिशोष्य का अधिशोषक की सतह पर अधिशोषण रासायनिक बन्ध के कारण होता है।

3. भौतिक अधिशोषण किसे कहते है?

इसमें अधिशोषक की सतह पर अधिशोष्य का अधिशोषण वाण्डरवाल्स आर्कषण बलों के कारण होता है ।

4. अधिशोषण की एर्थल्पी किसे कहते है?

जब एक मोल अधिशोष्य का अधिशोषक की सतह पर अधिशोषण होता है तब जो एन्थैल्पी में परिवर्तन होता है उसे अधिशोषण की एन्थैल्पी कहते हैं और यह सदैव ऋणात्मक होती है।

आज आपने सीखा

आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी और अब आप जान गए होंगे की अधिशोषण किसे कहते है adhishoshan kise kahate hain और अधिशोषण कितने प्रकार के होते हैं एवं इसके अलावा अधिशोषण के हमारे दैनिक जीवन में क्या क्या अनुप्रयोग  होते है । अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कोई समस्या हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताये हम आपके प्रश्नों का उत्तर जरुर देंगे । धन्यवाद

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