ऊर्जा बैंड किसे कहते हैं | उर्जा बैंड के प्रकार

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ऊर्जा बैंड ( Energy band in Hindi ) – किसी ठोस में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा की परास (Energy range) को ऊर्जा बैण्ड (EB) कहते हैं। जब एक परमाणु दूसरे परमाणु के सम्पर्क में आता है तो अन्योन क्रिया के कारण प्रत्येक ऊर्जा स्तर दो ऊर्जा स्तरों में बट जाता है। इस क्रिया में एक ऊर्जा स्तर मूल ऊर्जा स्तर के नीचे और एक थोड़ा ऊपर होता है।

किस्टलीय सरंचना में एक परमाणु का सम्बद्ध n  (यहाँ पर n परमाणुओं की संख्या है ) परमाणुओं से होता है। इसलिए प्रत्येक ऊर्जा स्तर n – ऊर्जा स्तरों में विभाजित हो जाता है। ये ऊर्जा स्तर इतने नजदीक नजदीक होते है कि इनमें विभेद करना सम्भव नहीं है। इसलिए ये एक बैण्ड बनाते है। जिसे ऊर्जा बैण्ड कहते हैं।

ऊर्जा बैंड किसे कहते हैं?

urja band kise kahate hain – एक ही कक्षा में इलेक्ट्रॉन विभिन्न ऊर्जा स्तर प्रदर्शित करते हैं। इन विभिन्न ऊर्जा स्तरों के समूहन को ऊर्जा बैंड के रूप में जाना जाता है। किसी ठोस में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा की परास (Energy range) को ऊर्जा बैण्ड (EB) कहते हैं। ऊर्जा बैंड को EB से प्रदर्शित किया जाता है।   हालाँकि, आंतरिक कक्षा के इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा पड़ोसी परमाणुओं की उपस्थिति से अधिक प्रभावित नहीं होती है। संयोजकता ऊर्जा स्तर से सम्बन्धित बैण्ड को संयोजकता बैण्ड कहते है।

ऊर्जा बैंड क्या हैं?

urja band kya hai – ऊर्जा बैंड इलेक्ट्रॉनों के लिए ऊर्जा स्तरों का एक समूह है जो किसी ठोस पदार्थ में मौजूद होते हैं। ऊर्जा बैंड में विभिन्न प्रकार की ऊर्जा स्रोतों को बनाए रखने और उनका प्रबंधन करने के लिए काम होता है। इसमें ऊर्जा के उत्पादन, उपयोग, और प्रबंधन से जुड़े तकनीकी, नैतिक, और सामाजिक पहलुओं का अध्ययन शामिल है। ऊर्जा बैंड एक वैज्ञानिक अवधारणा है, जो यह समझने में मदद करती है कि इलेक्ट्रॉन कैसे व्यवहार करते हैं और विभिन्न सामग्रियों में विद्युत धारा कैसे प्रवाहित होती है। ऊर्जा बैंड के अंतर्गत विद्युत, नवीनीकरण ऊर्जा, जल, वायुमंडल, बायोइंजीनियरिंग, ऊर्जा भंडारण, ऊर्जा प्रबंधन, और ऊर्जा संवाद के क्षेत्रों का अध्ययन किया जा सकता है।

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ऊर्जा बैंड के प्रकार

Energy band in Hindi – ऊर्जा बैंड मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –

  1. संयोजी ऊर्जा बैण्ड ( valance energy band)
  2. चालन ऊर्जा बैण्ड (conduction energy band)
  3. वर्जित ऊर्जा बैण्ड या वर्जित ऊर्जा अन्तराल (forbidden energy band)

संयोजी बैण्ड ( valance band)

संयोजी बैण्ड में इलेक्ट्रॉन हमेशा उपस्थित रहते हैं । इन इलेक्ट्रॉनों द्वारा धारा प्रवाह (Current flow) नहीं होती है। यह अधिकतम ऊर्जा का बैण्ड होता है।

चालन बैण्ड (Conduction Band)

इसमें इलेक्ट्रॉन उपस्थित या अनुपस्थित भी हो सकते हैं। यदि चालन बैण्ड रिक्त हो तो धारा का प्रवाह नहीं होता है।चालक पदार्थों (Conductors) में यह आंशिक रूप से भरा हुआ रहता है।

वर्जित चैण्ड (forbidden band)

वर्जित बैण्ड में कोई भी इलेक्ट्रॉन उपस्थित नहीं होता है। चालन बैण्ड और संयोजी बैंड के मध्य अंतर को वर्जित बैण्ड या वर्जित अंतराल (गेप) कहा जाता है।

FAQ’s

1. ऊर्जा बैंड कितने प्रकार के होते है?

ऊर्जा बैंड मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं - संयोजी ऊर्जा बैण्ड, चालन ऊर्जा बैण्ड और वर्जित ऊर्जा बैण्ड या वर्जित ऊर्जा अन्तराल ।

2. संयोजकता बैंड किसे कहते हैं?

संयोजकता ऊर्जा स्तर से सम्बन्धित बैण्ड को संयोजकता बैण्ड कहते है।

3. ऊर्जा बैंड किसे कहते हैं?

किसी ठोस में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा की परास (Energy range) को ऊर्जा बैण्ड (EB) कहते हैं।

आज आपने सीखा

ऊर्जा बैंड इलेक्ट्रॉनों के लिए ऊर्जा स्तरों का एक समूह है जो किसी ठोस पदार्थ में मौजूद होते हैं। आशा करता हूँ की यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी और अब आप जान गए होंगे की ऊर्जा बैंड क्या है और ऊर्जा बैंड किसे कहते हैं,  ऊर्जा बैंड कितने प्रकार के होते है । urja band kise kahate hain अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड कोई समस्या हो तो हमें कमेंट करके जरुर बताये हम आपके प्रश्नों का उत्तर जरुर देंगे । धन्यवाद

 

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